वैवाहिक जीवन में कड़वाहट की एक वजह ये भी...
नई पीढ़ी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह आने वाली है कि लोगों को अपने जीवनसाथी और स्मार्टफोन में से किसी एक को चुनना होगा.
बात हंसी में उड़ाने वाली नहीं है. दरअसल, ऑल चाइना वुमन फेडरेशन (ACWF) द्वारा किए गए एक हालिया सर्वे में यह बात सामने आई है कि करीब 60 फीसदी विवाहित लोगों की शिकायत है कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल उनके वैवाहिक रिश्ते में घुसपैठिए का काम कर रहा है.
सर्वे के मुताबिक, 'मोबाइल चीन में प्यार का दुश्मन बन बैठा है. स्मार्टफोन के इस्तेमाल की लत वैवाहिक संबंधों, बच्चों के साथ माता-पिता के संबंधों और निजी स्वास्थ्य तक में दरार डालने का कारण बन रही है.'
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महिला संगठन ने 28 साल से कम आयु वाले 13,000 लोगों से बातचीत की, जिसमें से 43 फीसदी ने यह स्वीकार किया कि परिवार के साथ होने या जीवनसाथी से बातचीत के दौरान भी वे अपने मोबाइल फोन में व्यस्त होते हैं.
एक-तिहाई से ज्यादा लोगों का कहना था कि वे अपने बच्चों को शांत और चुप रखने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. दो-तिहाई के करीब लोगों का मानना था कि वे रात को बिस्तर पर भी मोबाइल फोन के साथ सोते हैं और बत्ती बुझाने के बाद भी मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं.
यह सर्वे सामाजिक परिवर्तन के परिणामस्वरूप बिखर रहे पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया था.
नई पीढ़ी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह आने वाली है कि लोगों को अपने जीवनसाथी और स्मार्टफोन में से किसी एक को चुनना होगा.
बात हंसी में उड़ाने वाली नहीं है. दरअसल, ऑल चाइना वुमन फेडरेशन (ACWF) द्वारा किए गए एक हालिया सर्वे में यह बात सामने आई है कि करीब 60 फीसदी विवाहित लोगों की शिकायत है कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल उनके वैवाहिक रिश्ते में घुसपैठिए का काम कर रहा है.
सर्वे के मुताबिक, 'मोबाइल चीन में प्यार का दुश्मन बन बैठा है. स्मार्टफोन के इस्तेमाल की लत वैवाहिक संबंधों, बच्चों के साथ माता-पिता के संबंधों और निजी स्वास्थ्य तक में दरार डालने का कारण बन रही है.'
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महिला संगठन ने 28 साल से कम आयु वाले 13,000 लोगों से बातचीत की, जिसमें से 43 फीसदी ने यह स्वीकार किया कि परिवार के साथ होने या जीवनसाथी से बातचीत के दौरान भी वे अपने मोबाइल फोन में व्यस्त होते हैं.
एक-तिहाई से ज्यादा लोगों का कहना था कि वे अपने बच्चों को शांत और चुप रखने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. दो-तिहाई के करीब लोगों का मानना था कि वे रात को बिस्तर पर भी मोबाइल फोन के साथ सोते हैं और बत्ती बुझाने के बाद भी मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं.
यह सर्वे सामाजिक परिवर्तन के परिणामस्वरूप बिखर रहे पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया था.